कैसी होगी अपनी पहली मुलाकात ?
न जाने कब कहाँ होगी
आमने सामने बात ।
क्या होगा जब नज़रे मिलेंगी-
-पहली पहली बार ।
सोच कर ही दिल धड़कता है,
फिर भी ना जाने क्यों
मिलने को तड़पता है ।
शर्म होगी एक झिझक होगी
रूमानी सी कैफियत होगी
दिल के तार झंझना उठेंगे
जब वह हमारी तारीफ करेंगे ।
जुड़ेंगे दो दिलो के तार
जब मिलेंगे हम पहली बार ॥
इस दिल को है अब बस
बेसब्री से उस पल का इंतज़ार !!
न जाने कब कहाँ होगी
आमने सामने बात ।
क्या होगा जब नज़रे मिलेंगी-
-पहली पहली बार ।
सोच कर ही दिल धड़कता है,
फिर भी ना जाने क्यों
मिलने को तड़पता है ।
शर्म होगी एक झिझक होगी
रूमानी सी कैफियत होगी
दिल के तार झंझना उठेंगे
जब वह हमारी तारीफ करेंगे ।
जुड़ेंगे दो दिलो के तार
जब मिलेंगे हम पहली बार ॥
इस दिल को है अब बस
बेसब्री से उस पल का इंतज़ार !!
....... ©वैशाली........
23/11/2014
4 comments:
शर्म होगी एक झिझक होगी
रूमानी सी कैफियत होगी
दिल के तार झंझना उठेंगे..adbhut ahsaas..Vaisshali..
Thanks a lot Dr Dhirendra ji
splendid selection of words....ddobte chala gaya bhav me ..... (Y)
Thanks a lot Rohit JI
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