7/30/2014

बेमानी



जब मन उदास होता है, 
कुछ ना खास होता है 

बेचैनी रहती है एक अजीब सी 
न भूख सी न प्यास सी 

सावन में तरसते चातक सी
दशा हो जाती हैं 

हर इच्छा मर जाती हैं 
आँखें रोती जाती हैं

दिल भारी होने लगता है
जीना बेमानी लगता है

अब जीना बेमानी लगता हैं।।

7/24/2014

ख्वाइश


फिल्में  देख देखकर , हम भी फिल्मी हो गए ,
कोई दीवाना हमे भी मिलता, सोचने लग गए 

जताता हर तरह से प्यार ,ज़माने की ना करता परवाह 
हमें  छेड़ने वालों को , वो ज़मीन पर ला पटकता 

रोज़ भिजवाता फूल हमे,मिलने की मिन्नतें करता,
तरह तरह के तोहफ़े देकर,हमको हरदम खुश रखता 

फ़ोन को रिचार्ज कराता ,खुद से बातें करने को,
सारा दिन मैसेज भेजता , हमसे चैटिंग करने को 

रात में मिलता Telegram पे , ख़ुफ़िया बातें  करने को 
CD गानो की भिजवाता , हमारी तारीफें करने को ,

काश ! के ऐसे प्यार हमे भी होता  ,हम भी डूब जाते 
काश! के फिल्मे सच होती, ऐसा दीवाना हम भी पाते !!




मृग मरीचिका



मृग  मरीचिका बनके 
न जाने क्या ढूँढती हूँ मैं ?

कस्तूरी का एहसास है मुझे 
न  जाने किसकी प्यास हैं !

बैचैन हूँ ,परेशान हूँ 
हालात  से बेजार हूँ मैं 

हज़ारों अनसुलझे हैं सवाल 
सुलझाने घूमती हूँ मैं  !!

मृग  मरीचिका बनके 
न जाने क्या ढूँढती हूँ मैं ?

तुम जो कहो मान जाउंगी




माना  मुझसे आपको प्यार नहीं ,
इस लफ्ज़ पर भी ऐतबार नहीं ?

नहीं क़द्र है मेरी आपको 
क्या भावनाओं का भी ख्याल नहीं ?

कब कहती हूँ इज़हार करो ,
मेरे इज़हार का तो सम्मान करो 

प्यार को प्यार से न लौटाओ,
पर दोस्ती पर न वार करो 

दिल तुम्हे चाहता है बचपन से,
पहली मोहब्बत का तो मान करो 

खोलो न राज़-ए -इश्क़ अपने,
पर मेंरी बातों पर न शक करो 

बदले में नहीं माँगा प्यार मैंने ,
पर यूँ मौन न धारण करो 

फिर कहती हूँ आज तुमसे 
एक इशारे से जान जाउंगी ,
मेरी बातें न सुनो लेकिन ,
तुम जो कहो  मान जाऊँगी ll 

तुम जो कहो मान जाऊँगी  ........................................ !!