7/24/2014

तुम जो कहो मान जाउंगी




माना  मुझसे आपको प्यार नहीं ,
इस लफ्ज़ पर भी ऐतबार नहीं ?

नहीं क़द्र है मेरी आपको 
क्या भावनाओं का भी ख्याल नहीं ?

कब कहती हूँ इज़हार करो ,
मेरे इज़हार का तो सम्मान करो 

प्यार को प्यार से न लौटाओ,
पर दोस्ती पर न वार करो 

दिल तुम्हे चाहता है बचपन से,
पहली मोहब्बत का तो मान करो 

खोलो न राज़-ए -इश्क़ अपने,
पर मेंरी बातों पर न शक करो 

बदले में नहीं माँगा प्यार मैंने ,
पर यूँ मौन न धारण करो 

फिर कहती हूँ आज तुमसे 
एक इशारे से जान जाउंगी ,
मेरी बातें न सुनो लेकिन ,
तुम जो कहो  मान जाऊँगी ll 

तुम जो कहो मान जाऊँगी  ........................................ !!