3/04/2014

एक टका सा जवाब !!

बचती रही उम्र भर देने से जिसे ,

लोग मुझे कहते रहे ,
 अपने मुझे देते रहे ,

  फिर भी ना दिया गया मुझसे ,

फिर भी ना दिया गया मुझसे !

न देकर भी बन गयी बुरी ,

न देकर भी बन गयी बुरी 
 देने वाले अच्छे बनते रहे !

न जाने कब सीखूँगी  मै , देना 

न जाने कब सीखूँगी  मैं , देना ,

एक टका  सा जवाब 
  एक टका  सा जवाब  !!


2 comments:

Unknown said...

मन के अन्तर्दवंद को प्रस्तुत करता हैं।

Vaisshali said...

धन्यवाद, अनुज कुमार जी