7/09/2015

अलविदा

हम तुम साथ नहीं,
मुझको विश्वास नहीं।
ये जो प्यार है हमारा
तुमको है दरकार नहीं।।
आज भुला बैठे हो तुम
क्या खोया एहसास नहीं।।
एक तरफा आग है शायद
तुमको मुझसे प्यार नहीं।।
मन का था ये बंधन
तन की ये मुलाकात नहीं।।
तोड़ा तुमने जो रिश्ता
चाहत का अंजाम नहीं।।
टूट कर भी जुड़ा रहेगा
हम बिखरने देंगे नहीं।।
है यकीन मुझको ये
तुम भुला पाओगे नहीं।।
तरस जाओगे तुम देखना
आवाज सुन पाओगे नहीं।।
तेरे शहर से जो गुज़रे
मिलने की चाहत नहीं।।
अब . ... .
तेरे प्यार  में वो बात नहीं
कशिशो की सौगात नहीं।।

अलविदा कहते हैं तुझको. .. ..
तुझ पर अब विश्वास नहीं

अलविदा है तुझको
तेरे प्यार के तलबगार नहीं।।

... . वैशाली.... .
09 /07 /2015
11.05 pm



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