सोचा कुछ कुछ लिखु
आपके लिए
क्या लिखु? है समझ के परे
दोस्त लिखु ? पर हम दोस्ती
से बड़े
जानम कैसे लिखु ? नहीं व़ो
अब तक बने ;) !!
यूँ तो पहचानते बरस बीत गया
पर जाना अब हैं हमने
चंद कदमों के ये फासले
क्या खूब तय किए हमने !!
धीरे-धीरे परवान चढ़ी
अब आई है वो घड़ी
बिन कहे रह नहीं सकते
दोस्त के बिन जी नहीं सकते !!
तूने खूब माना है मुझको
मैने खूब समझा है तुझको
वक्त की कमी खलती है
तेरे साथ दोस्ती खिलती है !!
दोस्ती में इकरार जरूरी है
दोस्ती में तकरार जरूरी है
रह नहीं सकते बिन इसके
दोस्ती में भी प्यार जरूरी है !!
हम-तुम सिर्फ दोस्त नहीं
सुख-दुख के साथी हैं
जैसे संग है रहते
दिया और बाती हैं !!
..... ©वैशाली.....
16 /07 /2015
12.30 noon
आपके लिए
क्या लिखु? है समझ के परे
दोस्त लिखु ? पर हम दोस्ती
से बड़े
जानम कैसे लिखु ? नहीं व़ो
अब तक बने ;) !!
यूँ तो पहचानते बरस बीत गया
पर जाना अब हैं हमने
चंद कदमों के ये फासले
क्या खूब तय किए हमने !!
धीरे-धीरे परवान चढ़ी
अब आई है वो घड़ी
बिन कहे रह नहीं सकते
दोस्त के बिन जी नहीं सकते !!
तूने खूब माना है मुझको
मैने खूब समझा है तुझको
वक्त की कमी खलती है
तेरे साथ दोस्ती खिलती है !!
दोस्ती में इकरार जरूरी है
दोस्ती में तकरार जरूरी है
रह नहीं सकते बिन इसके
दोस्ती में भी प्यार जरूरी है !!
हम-तुम सिर्फ दोस्त नहीं
सुख-दुख के साथी हैं
जैसे संग है रहते
दिया और बाती हैं !!
..... ©वैशाली.....
16 /07 /2015
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