क्यूँ भटकता है कोई ?
अपनी जमीन छोड़ कर
गैरों की राह में पनाह में
क्यूँ गिरता है कोई ?
दूजे की बाँह में
अपनो के आगोश से
क्यूँ ढूंढता है कोई ?
कांधा, सहारा के लिए
खुद बेसहारा होकर
क्यूँ करता है आशा कोई ?
रुमाल की, आँसू देने वाले से
खुद उस से ही दुखी होकर
ऐ दिल मान जा कहा ....
मत कर गैरो पे विश्वास
यहाँ अपने ही अपने न हुए !!
------- वैशाली -------
26/09/2015
2:35 Mid-Ni8
अपनी जमीन छोड़ कर
गैरों की राह में पनाह में
क्यूँ गिरता है कोई ?
दूजे की बाँह में
अपनो के आगोश से
क्यूँ ढूंढता है कोई ?
कांधा, सहारा के लिए
खुद बेसहारा होकर
क्यूँ करता है आशा कोई ?
रुमाल की, आँसू देने वाले से
खुद उस से ही दुखी होकर
ऐ दिल मान जा कहा ....
मत कर गैरो पे विश्वास
यहाँ अपने ही अपने न हुए !!
------- वैशाली -------
26/09/2015
2:35 Mid-Ni8