1/10/2008

E DOST


थामा है हाथ तुमने
जब लगे हम डूबने,
अँधेरे में दीया जलाया
सही रास्ता है दीखलाया ।
जरुरत में आवाज़ देना
दौडे चले आयेंगे,
जाओ कहीं भी मगर ,
बन याद साथ जायेंगे ।
है दोस्ती का नाता हमारा
दील में कहीं हक है तुम्हारा,
हाथ यूहीं बढाते रहना
ये नाता सदा नीभाते रहना।
दोस्त है हम तुम्हारे,
सदा तुम्हारे संग रहेंगे,
तुम मानो या न मानो
प्यार यूँही हरदम करेंगे । ।

3 comments:

Anonymous said...

mere paas sirf ek shabh hai....."bemisaal"

Anonymous said...

hum ankit hai

aap kya likhte ho shabd nahi
humare paas alfaaz nahi
dil me bas ek hi dua hai


aap kisise khabhi kaam nahi

wah wah ji aap bemisaal ho

Anonymous said...

10x ankit....