ऐ ज़िन्दगी ......
सबकुछ खोकर बहुत कुछ पाया तुझसे
आँसू , बैचेनी , दर्द और अकेलापन
यही तो असली विरासत है ......
जो खोया वो मेरा था ही कहाँ
होता तो क्या यूँही खो जाता ??
इतना सब पा कर भी ...
रास नहीं आती ज़िन्दगी
यूँ दूर दूर जाती है कि
पास नहीं आती ज़िन्दगी
खामोश लब आँसू भरे नैना
दर्द है पास .....
फिर क्यूँ डराती है ज़िन्दगी ??
गम के साये हैं,अँधेरे घिर आये हैं
रोशनी से घबराती है ज़िन्दगी
अहं की दीवार बनाई
.... "मैं "को ये रास आई
सबकुछ खोकर बहुत कुछ पाया तुझसे
आँसू , बैचेनी , दर्द और अकेलापन
यही तो असली विरासत है ......
जो खोया वो मेरा था ही कहाँ
होता तो क्या यूँही खो जाता ??
इतना सब पा कर भी ...
रास नहीं आती ज़िन्दगी
यूँ दूर दूर जाती है कि
पास नहीं आती ज़िन्दगी
खामोश लब आँसू भरे नैना
दर्द है पास .....
फिर क्यूँ डराती है ज़िन्दगी ??
गम के साये हैं,अँधेरे घिर आये हैं
रोशनी से घबराती है ज़िन्दगी
अहं की दीवार बनाई
.... "मैं "को ये रास आई
इस दलदल में फंस गयी ज़िन्दगी
इतना सब पाने की चाह में
जाने कहाँ खो गयी ज़िन्दगी !!
Vaisshali ......
24/11/2015
12.30 noon
5 comments:
Wonderful......
Superb..!!
Thanks Pinky & Vishesh !!
Touching lines
Thanks Garima
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