8/04/2015

"तुम याद आए"



तुम याद आए, बहुत याद आए
आज.... 
फिर बरसो बाद, बहुत याद आए !! 

रहते हो सदा तुम साथ ही मेरे 
बचपन से हमने खेल है खेले 
हमेशा तुम रहे मेरे आसपास ही 
साथ ही रहे जुदा होकर भी !! 

काश!... 
 कि तेरी अंतिम झलक पा जाते
तेरी छवि की एक तस्वीर बना पाते 
कहें किसीसे आज हम दर्द अपना 
तेरी आवाज का मरहम पा जाते !! 

बस तेरी यादें ही मेरी अपनी हैं 
खो जाती हूँ उन यादों में अक्सर 
यादें भी तेरी बस खुशियाँ फैलाए
तुम याद आए, आज बहुत याद आए !! 

....... © वैशाली...... 
4/08/2015 
1.30 midni8.

2 comments:

Anonymous said...

I couldn't resist commenting. Very well written!

my blog; Drone Shadow Strike Hack

दिल की कलम से said...

Thanks a lot
Can I knw your name plz