6/25/2012

मिलन


जो पुछा तूने  रात का फ़साना , 
सुर्ख लाल चेहरे से शर्मना 
जो देखा होता तुने मुखड़ा मेरा ,
 आँखे बता देती फ़साना सारा!


वो बिखरी जुल्फे वो बिखरा टीका,
वो अंगडाई ,मन बहका रीझा
वो सिलवटे  देख चादर की,
 बयां हो गयी कहानी प्यार की!


अब तक छाया  सरूर है,
यूँ लिपटना तेरा कसूर है
वो धीरे से चुम्बन माथे का,
 बिन मौसम बरसातो सा!


अधरों से अधरों का मिलना,
दिलों  में महकते फूल खिलना
वो तेरा मुझे बाहों में जकड़ना,
वो मेरा हाथ छुड़ाना झगड़ना!


वो झूठ-मूठ का ग़ुस्सा मेरा,
मुझे मानाने का सलीका तेरा
वो वादे, वो कसमे,वो प्यार तेरा,
बिछ-बिछ जाना राहो में मेरा!


इतना प्यार ना  करो मुझसे
रह न पाऊँगी बिछड़ तुमसे
ये पल रहेंगे याद सदा,
यूँ ही रहना बनकर मेरा
इस प्यार पर न कोई पहरा है,
ये रिश्ता हमारा बहुत गहरा है !!



4 comments:

Puneet Jain 'Chinu' said...

क्या कहूँ ... शब्दों का इतना सुन्दर आवरण... और प्रेम की प्रस्तुति.. लाजवाब..
बहुत ही खुशनसीब शख्स होगा जिसकी यादों में आपने ये लिखा होगा.. या जिसके लिए लिखा होगा !


Awesome.. Speechless..

इतना प्यार ना करो मुझसे
रह न पाऊँगी बिछड़ तुमसे
ये पल रहेंगे याद सदा,
यूँ ही रहना बनकर मेरा
इस प्यार पर न कोई पहरा है,
ये रिश्ता हमारा बहुत गहरा है !!

These Lines Are Amazing.. From Heart.

Vaisshali said...

Still ...woh pal kabhi bhulaye nahi bhool sakte ...

Thanks Chinu

Unknown said...

mind blowing...... Waaaahhhhhh

Vaisshali said...

Thanks a lot