नैनों की जुबां , हाल - ए - दिल
कैसे बायाँ करू सामने उनके
कभी जुबां तो कभी नैन
साथ नहीं देते
बनके गुमनाम पाया उनको
तो लगा -
गुमनामी की शख्शियत
है असली शख्शियत
होके पर्दानशी , हमने ज़िंदगी पा ली
कैसे बायाँ करू सामने उनके
कभी जुबां तो कभी नैन
साथ नहीं देते
बनके गुमनाम पाया उनको
तो लगा -
गुमनामी की शख्शियत
है असली शख्शियत
होके पर्दानशी , हमने ज़िंदगी पा ली
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