10/07/2012

रिश्ता




तुमको पाया तो सबकुछ  पाया मैंने
इसी जनम में सातो जनम बिताया मैंने !

कोई दर्द  एक पल छू  ले मुझको
ले दवा  हाथ तुझको पाया मैंने !!

चल  दिए हम बस साथ तुम्हारे 
सदा तुम्हारा हाथ अपने हाथो  में पाया मैंने 

जो चले आये राहो में कांटे मेरे
चुभते काँटो पे तुम्हे  फूल बिछाते पाया मैंने

प्यार की राहो में बंधन निभाते चले
सच्चा हमसफ़र तुम में पाया मैंने

प्यार तो कर कोई करता होगा
निभाते है कैसे तुमसे जाना मैंने
सातो जनम का प्यार तुमसे पाया मैंने
तुम्हे पाया तो सबकुछ पाया मैंने  !!!!!


3 comments:

Puneet Jain 'Chinu' said...

Ye rishte bhi ajeeb hote hai,
saath chutne par bhi dil k kareeb hote hai,
Chhod dete hai dil par aisi nishaaniya.. ki..,
Jitha bhulna chaho.. utne or kareeb hote hai.

Chinu.

Puneet Jain 'Chinu' said...

Ye rishte bhi ajeeb hote hai,
saath chutne par bhi dil k kareeb hote hai,
Chhod dete hai dil par aisi nishaaniya.. ki..,
Jitha bhulna chaho.. utne or kareeb hote hai.

Chinu.

Vaisshali said...

bilkul sahi.... thanks Puneet