8/04/2011

Intezaar

वोह जाने जो करे इंतज़ार,
कैसे होता है यह मन बेक़रार,
हर पल उठते-गिरते सवाल,
नज़रो का तकना, पलकों का झपकना
खयालो में खो जाना होश का फाख्ता होना,

यह होता है इंतज़ार इंतज़ार और इंतज़ार !!

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