इशारा
इकरार - इन्कार है नैनों की जुबान
दिल की गहराइयों में है इसकी लगाम !
आँखों को पढ़ लो जुबां हम ना खोलेंगे
दिल को टटोल लो इशारों से ना बोलेंगे !
खुद समझ जाते तो ना तरसते
कुछ कह जाते तो हम भी बहकते
कुछ कहा होता तो हम जान जाते
तेरी मोहब्बत को पहचान जाते !
खुदा तो देता है अनगित इशारे
काश ! के तुम उनको आवाज़ दे पाते !!
vaisshali