9/03/2011

Chahat

सब कुछ भूल जाना चाहती हूँ ....
न ज़िन्दगी को याद आना चाहती हूँ !!

न दिल न यादें कुछ नहीं है ज़िन्दगी में
बस अब 
कही जाकर सो जाना चाहती हूँ !!


न शौक बचे न अरमान रहे
दर्द कुरेद कर रो जाना चाहती हूँ !!

मुझको अपनी शरण में ले लो 'ओशो"
तुमको पाकर दुनिया को खो जाना चाहती हूँ !!